कोरोना की जंग जीतने वाले मरीज अब दूसरों को जिंदगी देने के लिए आगे आ रहे हैं

दाऊद क़ुरैशी
इंदौर:- मध्य प्रदेश के पहले कोरोना मरीजों में से एक जबलपुर की सुनीता अग्रवाल ने भोपाल के एक गंभीर कोरोना मरीज को अपना प्लाज्मा डोनेट करने पर सहमति दे दी है। जिला प्रशासन के आग्रह पर सुनीता अग्रवाल ने भोपाल जाकर अपना प्लाज्मा डोनेट करने की हामी भरी है। दरअसल दुबई और थाईलैंड से लौटने के बाद जबलपुर के सराफा कारोबारी मुकेश अग्रवाल उनकी पत्नी सुनीता अग्रवाल और बेटी पलक अग्रवाल कोरोना संक्रमित पाए गए थे। 20 मार्च से लगातार उनका जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बनाए गए विशेष आइसोलेशन वार्ड में इलाज किया गया जहां करीब 1 माह के इलाज के बाद मध्य प्रदेश के पहले संक्रमित तीनों मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। हाल ही में केंद्र सरकार के स्तर पर प्लाज्मा थेरेपी की चर्चा जब शुरू हुई तो मध्यप्रदेश में भी इसके प्रयोग की कवायद की जा रही है। राजधानी  से जिला प्रशासन के पास सूचना पहुंची थी कि भोपाल में एक कोरोना मरीज की हालत गंभीर बनी हुई है लिहाज़ा उनके लिए जबलपुर जिला प्रशासन ने सुनीता अग्रवाल को प्लाज़्मा डोनेट करने के लिए राजी कर लिया। प्रदेश के पहले कोरोना मरीजों में से एक सुनीता अग्रवाल  को उनके परिजनों के साथ चिकित्सा विशेषज्ञों की निगरानी में भोपाल रवाना किया गया।  कलेक्टर भरत यादव ने प्रदेश के  पहले कोरोना संक्रमितों में शुमार अग्रवाल परिवार से जुड़ी सुनीता अग्रवाल द्वारा अपना प्लाज्मा डोनेट करने पर जताई गई सहमति पर संतोष व्यक्त किया और उनके इस काम के लिए  परिवार की सराहना की। प्लाज़्मा डोनेट करने के पहले सुनीता अग्रवाल और उनके परिवार ने इस पर खुशी जताई और कहा कि उनका प्लाज़्मा अगर दूसरों की जान बचाने में काम आता है तो यह उनके और उनके परिवार के लिए खुशी की बात है।